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Wednesday, 20 July 2011

JAI HIND


राष्ट्रीय पक्षी-- मोर...
राष्ट्रीय संस्कृति-- पश्चिम की ओर..
राष्ट्रीय दर्शन-- तोड़-फोड़, शोर...
राष्ट्रीय चिंतन-- कुर्सी के लिए जोर....
राष्ट्रीय व्यवस्था-- छिन्न-भिन्न, कमजोर..
राष्ट्रीय प्रगति-- महंगाई की ओर...
राष्ट्रीय खेल-- जनसंख्या में होड़
इसलिए हम हो गए 125 करोड़..
राष्ट्रीय बजट-- घाटा बेहिसाब......
राष्ट्रीय अतिथि-- अजमल कसाब..


वन्दे-मातरम्...
जय हिंद...जय भारत....

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