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Thursday, 4 August 2011

‘मुझे खुद को भारतीय कहने में शर्म आती है'..??


"उत्तर प्रदेश में जो कुछ हुआ उसे देखकर मुझे अपने आपको भारतीय कहने में शर्म आती है."      --राहुल गांधी.


यूपीके लिए शर्मिन्दा होने की इतनी भी क्या जल्दी है?आज़ादी से लेकर अब तक
कांग्रेस ने इस देश पर ज़्यादातर समय तक राज किया है.भारत के 14 में से 8 प्रधानमन्त्री यू पी से थे, 8 में से 6 प्रधानमन्त्री कांग्रेस से थेआपकी पार्टी के पास कम से कम आधी शताब्दी और आधे से ज्यादा प्रधानमंत्री थे

देश का निर्माण करने के लिएमुलायम सिंह जैसे लोग मुख्यमंत्री सिर्फ इसलिए बने क्योंकि आपकी पार्टी राज्यमें अपने काम-काज को लेकर ‘गांधीवादी’ सिर्फ कागजों पर थीअगर आप थोड़ा ध्यान दें तो शायद आपको यह अहसास होगा कि यू पी की अभी की अराजकतावाली हालत कांग्रेस के लगभग 50 साल तक रहे गरिमामय शासन का ही नतीजाहै.??तो राहुल बाबूयूपीके लिए शर्मिन्दा होने की इतनी भी क्या जल्दी है?मायावती तो सिर्फ उसी ‘जमीन अधिशासन विधेयक’ का इस्तेमाल कर रही हैजिसका आपकी कांग्रेस ने किसानों को लूटने के लिए कई बार इस्तेमाल किया है.आपकी पार्टी ने इस विधेयक को तब क्यों नहीं बदला जब वो शासन में इतने लम्बे समय तक थी?मैं मायावती के काम को समर्थन नहीं दे रहालेकिन आपकी पार्टी द्वारा किये जाने वाले काम और आपकी टिप्पणी आपकी ‘नीयत’ और ‘विश्वसनीयता’ पर भी सवाल खड़े करती है.अगर आप वास्तव में शर्मिन्दा होना चाहते हैं तो मैं आपको शर्मिन्दा होने के कईकारण देने वाला हूँ.…अगर आप वास्तव में शर्मिन्दा होना चाहते हैं-पहले तो आप प्रणव मुखर्जी से पूछिए कि वो स्विस बैंकों में अकाउंट्स रखने वालोंके बारे में सूचना क्यों नहीं दे रहे.??अपनी माँ से पूछिए कि 74,000 करोड़ के कर चोरी के मामले में हसन अली केखिलाफ जांच कौन रोक रहा है.??नवम्बर 1999 में राजीव गांधी के गुप्त बैंक खाते में 2.5 बिलियन स्विस फ्रांक (2.2बिलियन डॉलरथे उनकी मृत्यु के बाद सोनिया गांधी इस पैसे की एकमात्र हकदार थींयह तो 1991 की बात हैसिर्फ उन्हें पता है अब इसमें कितने पैसे हैंकहीं ऐसा तो नहीं कि इसी कारण से भारत सरकार स्विस बैंकों में अकाउंट्स रखने वालों के नाम नहीं दे रही?उनसे जाकर पूछिए, 2G घोटाले में 60 % हिस्सा किसे मिला?कलमाडी पर कुछ सैकडे करोड़ रुपयों का इलज़ाम है, कॉमनवेल्थ गेम्स के बाकी पैसे किसकी जेब में गए?प्रफुल पटेल से पूछिए किसने इन्डियन एयरलाइन्स की हालत खराब की, एयरइंडिया ने लाभकारी रूट्स को क्यूँ छोड़ा?हम टैक्स भरने वाले एयर इंडिया के नुकसान को क्यों भरेंजब आप एक एयरलाइन प्रोपर्टी नहीं चला सकतेदेश कैसे चलाएंगे?मनमोहन सिंह से पूछिए, वो इतने समय से शांत क्यों हैंलोग कहते हैं वो ईमानदार हैं.?? उनकी ईमानदारी किसकी तरफ है– देश की ओर या एक व्यक्ति विशेष की ओर?
सी
 
बी आई ने रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया पर छापा मारा और उसे 500 एवं 1000 के नोटों की भारतीय नकली मुद्राओं का ज़खीरा मिलावो भी रिजर्व बैंक ऑफ़इंडिया में?
 भारत सरकार इस पर चुप क्यों हैतो फिर इस बढ़ती मुद्रास्फीती का कारण है क्या -वाणिज्य या राजनीति?
भोपाल गैस ट्रेजेडी के गुनाहगार अभी तक खुले आम घूम रहे हैंकौन है इसकाजिम्मेवारइसमें 20,000 लोग मारे गए थे
1984 
में सिखों की सामूहिक ह्त्या हुईवो भी सरकार के समर्थन सेकिसने यह करवाया?
1976 -77 
की इमरजेंसी के बारे में मत भूलिएजब हाई कोर्ट ने इंदिरा गांधी के लोकसभा चुनाव में चयन को अवैध ठहरायाउन्होंने कैसे देश को इमरजेंसी मेंधकेल दियाज़ाहिर है कि उनके मन में भी लोकतंत्रन्यायपालिका और स्वतंत्रप्रेस के लिए तहे दिल से इज्ज़त थी.जवाब तो आप जान ही गए होंगेपर मेरा प्रश्न है कि मायावती और उनके परिवार  पार्टी पर फैसला करने में दुहरे मापदंड का इस्तेमाल क्यों ?

मायावती 
राहुल जीआप सिर्फ उनके लिए शर्मिन्दा क्यों होते हैं?अपने करीबियों के लिए इतनी नरमी बरतने की क्या ज़रुरत है?देश को खस्ताहाल में लाने में उनका योगदान कोई कम तो नहीं है.
और आप किसानों से उनकी ज़मीन लिए जाने की निंदा करते हैं.??ज़रा बताइये कि आपकी पार्टी के शासनकाल में विदर्भ में कितने किसानों ने खुदकुशी की.
उसके लिए आपको शर्मिन्दगी नहीं होती?आपकी पार्टी ने किसानों का 72 ,000 करोड़ का लोन माफ़ किया 
पर वो तो किसानों तक पहुंचा भी नहीं.?आपने अपनी सरकार द्वारा निर्धारित नीतियों को लागू करने पर ध्यान तो दिया नहीं,पर अपनी सुन्दर छवि बनाने के लिए जनता में किसानों के साथ भोजन करते हुए खुद की तस्वीर मीडिया में छपवाते रहते हैं.
आप शर्मिन्दा होना चाहते हैं ना!तो इस बात के लिए शर्मिन्दा होइए कि आपकी पार्टी ने लोगों का पैसा (72 ,000करोड़सरकार की तिजोरी से खर्च करने के लिए लिया और पूरी तरह बर्बाद करदिया..
केवल
 
इस गिरफ्तारी पर इतना हल्ला क्यों?राहुलजीसितम्बर 2001 में आप एफ बी आई द्वारा बोस्टन एयरपोर्ट परगिरफ्तार किये गए थे.आपके पास नकद में $ 1,60,000 मिले थे . आपने अभी तक जवाब नहीं दिया आप इतना सारा पैसा क्यों ले जा रहे थे?संयोग से आप अपनी कोलंबियन गर्लफ्रेंड और एक कथित रूप से ड्रग माफिया सरगना की बेटीवेरोनिक कार्टेली,के साथ 9 घंटों तक एयरपोर्ट पर रोककर रखे गए थे.बाद में प्रधानमंत्री श्री वाजपेयी के हस्तक्षेप पर आपको छोड़ा गयाएफ बी आई ने अमेरीका में FIR जैसी शिकायत दर्ज करके आपको जाने दियाजब सूचना के अधिकार का प्रयोग करते हुए FBI से आपकी गिरफ्तारी के कारणों के बारे मेंसूचना माँगी गयी तो FBI ने आपसे ‘कोई आपत्ति नहीं’ का सर्टिफिकेट माँगा.आपने तो कभी जवाब ही नहीं दिया.? यह गिरफ्तारी  अखबारों की हेडलाइन बनी ना न्यूज चैनलों पर ब्रेकिंग न्यूजआपको खुद ही मीडिया के पास जाना चाहिए था और बोलना चाहिए था- मुझे खुद को भारतीय कहते हुए शर्म आतीहै.”कहीं ऐसा तो नहीं कि आप सिर्फ दिखावटी गिरफ्तारियों (उत्तर प्रदेशपर बवाल मचाते हैं और वास्तविक गिरफ्तारियों (बोस्टनको कूड़े के डब्बे में डाल देते हैं?
खैरअगर आप और शर्मिन्दा महसूस करना चाहते हैं तो 
2004 
में आपकी माँ द्वारा प्रधानमंत्री पद के तथाकथित त्याग के बारे में...नागरिक अधिनियम के एक प्रावधान के अनुसारएक विदेशी नागरिक अगर भारत का नागरिक बन जाता है तो उस पर वही नियम-क़ानून लागू होंगे जो एक भारतीय नागरिक के इटली के नागरिक बन जाने पर लागू होते हैं. जिस तरह आप इटली में प्रधानमंत्री नहीं बन सकते अगर आप वहाँ पैदा नहीं हुए ठीक उसी तरह आप भारत में प्रधानमंत्री नहीं बन सकते अगर आप यहाँ पैदा नहीं हुए!डॉसुब्रमण्यम स्वामी (2G का खुलासा करने वालेने भारत के राष्ट्रपति का ध्यान इस बात पर दिलाते हुए एक पत्र भेजा. 17 मई 2004 को शाम 3 :30 बजे भारत के राष्ट्रपति ने इस सम्बन्ध में एक पत्र सोनिया गांधी को भेजाशपथ ग्रहण समारोह उसी दिन शाम 5 बजे होना थातब लाज बचाने के लिए अंतिम पल में मनमोहन सिंह को लाया गयासोनियाजी द्वारा किया गया त्याग महज एक नौटंकी थाक्योंकि सच तो यह है कि सोनियाजी नेअलग अलग सांसदों द्वारा हस्ताक्षर किये गए 340 पत्र राष्ट्रपति कलाम को भेजे थे,जिनमें खुद के प्रधानमन्त्री बनने की योग्यता की वकालत की गयी थीउनमें से एक पत्र में लिखा था – मैंसोनिया गांधीराय बरेली से चयनित सदस्यासोनिया गांधी की प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्ताव रखती हूँतो स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री तो वह बनना चाहती थीं जब तक उन्हें संवैधानिक प्रावधानों का पता नहीं था.गौरतलब यह कि उन्होंने कोई त्याग नहीं कियादरअसल वह कानूनन रूप से देश की प्रधानमंत्री बन ही नहीं सकती थीं.राहुलजीआपको इस बात के लिए शर्मिन्दा होना चाहिए.
सोनिया जी के पास एक विश्वसनीयता थी, वो भी एक झूठ था.अब ज़रा सोचिये आप डोनेशन कोटा पर हार्वर्ड जाते हैं (हिंदुजाभाइयों ने हार्वर्ड को 11 मिलियन डॉलर उसी साल दिए जिस साल राजीव गांधी सत्ता में थेआप 3 महीने में निकाले जाते हैं..आप 3 महीनों में ड्रॉप आउट हो जातेहैं ( दुर्भाग्य से मनमोहन सिंह उस समय हार्वर्ड के डीन नहीं थेनहीं तो आपकोएक चांस और मिल जातापर क्या करेंदुनिया में एक ही मनमोहन सिंह हैंकुछस्त्रोतों का कहना हैआपको राजीव गांधी की ह्त्या के कारण ड्रॉप आउट करना पडाशायद ऐसा होलेकिन फिर आप हार्वर्ड से अर्थशास्त्र में मास्टर्स होने का झूठ क्यों बोलते रहे..जब तक कि आपके बायोडाटा पर डॉसुब्रमण्यम स्वामी (2Gका खुलासा करने वालेने सवाल नहीं उठाया.
सैंट स्टीफेंस में आप हिन्दी में फेल हो जाते हैं...हिन्दी में फेल!!और आप देश के सबसे बड़े हिंदी भाषी राज्य का प्रतिनिधत्व कर रहे हैं?सोनिया गांधी ने एक उम्मीदवार के रूप में एक हलफनामा दायर किया है जिसमें लिखा है कि उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी की पढाई की है. [ कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के अनुसार ऐसी कोई छात्रा कभी थी ही नहीं! [ डॉसुब्रमण्यम स्वामी द्वारा एक केस दायर करने परउन्होंने अपने हलफनामा से कैम्ब्रिज की बात हटा दी.
सोनिया गांधी ने हाई स्कूल तक पास नहीं कियावो सिर्फ 5 वीं पास हैं!शिक्षा के मामले मेंमामले में वो 2G घोटाले के दूसरे सहयोगी करूणानिधि केबराबर हैंआप अपनी शिक्षा की नक़ली डिग्री दिखाते हैं;
आपकी माँ अपनी शिक्षा की नक़ली डिग्री दिखाती हैं.और फिर आप युवाओं के बीच में आकर बोलते हैं-
हम राजनीति में शिक्षित युवाओं को चाहते हैं.”
एक गांधी जी थेवो दक्षिण अफ्रीका गएवहाँ अपनी योग्यता से वकील बनेउसे दक्षिण अफ्रीका में सेवा करने के लिए छोड़ाफिर अपने देश में सेवा करने केलिए

क्यूंकि सच्चाई ये है कि आप अभी तक राजनीति में नहीं आये हैं.
दरअसल आप फैमिली बिजनेस में आये हैं.
पहले राजनीति में आइयेराहुल गाँधी के नाम से नहींराओल विन्ची के नाम से चुनाव जीतकर दिखाइयेतब युवाओं और शिक्षित लोगों को राजनीति में आने की सीख दीजिए.और तब तक हमें सचिन पायलटमिलिंद देवरा और नवीन जिंदल जैसे युवाओंका उदाहरण मत दीजिये जिन्होंने राजनीति में पदार्पण किया हैवो राजनीतिज्ञ नहीं हैंबस राजनीति में किसी तरह  गए हैं?ठीक उसी तरह जैसे अभिषेक बच्चन और कई स्टारपुत्र जो अभिनेता नहीं हैबसअभिनय में किसी तरह  गए हैं 
इसलिए
 
बड़ी मेहरबानी होगी

अगर आप युवाओं को राजनीति में आने की सीख देना बंद करें
जब तक खुद में थोड़ी काबिलियत ना  जाए..
हम राजनीति में क्यों नहीं  सकते!
राहुल बाबाथोडा समझोआपके पूज्य पिताजी के बैंक खाते (स्विसमें 10,000करोड़ रुपये थे जब वो स्वर्गवासी हुए.सामान्य युवाओं को ज़िंदगी जीने के लिए वर्क करना पड़ता है.
आपके परिवार को बस थोड़ा नेटवर्क करना पड़ता है.अगर हमारे पिता ने हमारे लिए हज़ारों करोड़ रुपए छोड़े होते तो
शायद हम भी राजनीति में आने की सोचतेलेकिन हमें काम करना पड़ता हैसिर्फ अपने लिए नहींआपके लिए भीताकिहमारी कमाई का 30% हिस्सा टैक्स के रूप में सरकार के पास जाए जो आपके स्विस बैंक और अन्य व्यक्तिगत बैंक खातों में पहुँचाया जा सके.इसलिए प्यारे राहुलबुरा ना मानो अगर युवा राजनीति में नहीं  पातेहम आपके चुनाव अभियानों और गाँवों में हैलीकॉप्टर यात्राओं के लिए भरपूर योगदान दे रहे हैं.
आप जैसे नेताओं बनाम राजकुमारों को पालने के लिए किसी को तो कमानापडेगाखून पसीना एक करना पडेगा.सच्चाई ये है कि आप गांधी नहींसिर्फ उधार के नाम के गांधी हैं!एयर इंडिया, KG गैस डिविजन, 2G, CWG, स्विस बैंक खातों कीजानकारियाँहसन अली, KGB. अनगिनत उदाहरण हैं...आपके परिवार के कारनामों के.उसके बाद सोनिया गांधी ने नवम्बर 2010 में इलाहाबाद की पार्टी रैली में भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टोलेरेंस’ की घोषणा की.पाखण्ड की भी हद होती है!आप शर्मिन्दा होना चाहते हैं न.??यह सोचकर शर्मिन्दा होइए कि
देश का प्रथम राजनैतिक परिवार क्या से क्या बन गया है?....एक पैसा कमाने की शर्मनाक मशीन.??कोई आश्चर्य नहीं कि आप अपने रक्त से गांधी नहीं हैं,
गाँधी तो बस एक अपनाया हुआ नाम है.आखिरकार इंदिरा ने महात्मा गाँधी के बेटे से शादी नहीं की थी,
अगर गाँधी का एक भी जीन आपके DNA में होता तो
आप इतनी क्षुद्र महत्वाकांक्षा से ग्रस्त नहीं होते 

आप सच में शर्मिंदा होना चाहते हैंयह सोचकर शर्मिन्दा होइए कि आप जैसेतथाकथित गांधियों ने गांधी की विरासत का क्या हाल किया है.
कभी-कभी सोचता हूँ शायद गांधी ने अपने नाम का कॉपीराईट कराया होता.??
फिलहाल मेरी सलाह है कि सोनिया गांधी अपना नाम बदल कर $onia Gandhi कर लें,और आप अपने नाम Rahul/Raul की शुरुआत रुपये के नए सिम्बल से करें.राओल विंची- मुझे खुद को भारतीय कहने में शर्म आती है'
     और....हमें भी अब आपको आधा भारतीय कहते हुए भी शर्म आती है.अधिक जानकारी के लिए डॉसुब्रमण्यम स्वामी के बारे में पता लगाते रहें.आज उनके कारण 2G घोटाले की जांच हो रही है, वो एक भूतपूर्व केंद्रीय क़ानून मंत्री हैं...

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