अमेरिका ने दो ISI एजेंट गुलाम मोहम्मद फाई और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया . ये दोनों पाकिस्तान से रूपये लेकर पुरे विश्व में कश्मीर मामले पर पाकिस्तान के लिए लोब्बिंग और सेमिनार करते थे . जो पूरी तरह गैर क़ानूनी होता था और हवाला के द्वारा पैसे का आदान प्रदान होता था . इन सेमिनारों में बोलने वाले वक्ताओ और सेलिब्रिटीज को खूब पैसे दिए जाते थे .. इन वक्ताओ को सिर्फ पैसे से ही मतलब होता था ये एजेंट उनको पैसे देकर पाकिस्तान का पक्ष मजबूत करते थे .
अमेरिका ने उनके पूछताछ के बाद उनके भारतीय दलालो के नाम भारत सरकार को बताया है . अब गुलाम मोहम्मद के भारतीय दलालो के नाम सुनकर भारत सरकार के हाथ पांव फुल गए है .. ना तो भारत सरकार में इतनी हिम्मत है की इस देशद्रोहियो को गिरफ्तार करे और ना ही इतनी हिम्मत है की अब वो इन दलालो पर रोक लगाये .
कांग्रेस सरकार बाबा रामदेव के आन्दोलन को तो बर्बरता और निर्दयिता पूर्वक रात के दो बजे औरतो , बच्चों और बुजुगो के उपर लाठी और गोले बरसाकर उनको कुचल सकती है . क्योंकि वे लोग कालेधन के लिए आन्दोलन कर रहे थे . जबकि पूरा देश जनता है की कांग्रेस के नेता और सोनिया गाँधी काले धन मामले पर क्यों इतना निर्दय हों जाते है..??
तो क्या जो हिम्मत कांग्रेस ने रामलीला मैदान में दिखाई थी वही हिम्मत वो इन दलालो को गिरफ्तार करने में दिखाएगी??
अब जरा आप उन तथाकथित बुद्दिजीवियों और सफेदपोशो के नाम जान लीजिए जो आई एस आई से पैसे लेकर भारत में कश्मीर पर सेमिनार में भाषण देते थे . और ये पैसे के आगे इतने अंधे थे की इनको देश से गद्दारी करने में भी जरा भी संकोच नहीं होता था .
१- लेखक और संपादक कुलदीप नैयर
२- अग्निवेश
३- दिलीप पडगांवकर
४- मीरवाइज उमर फारूक
५- राजेंद्र सच्चर [ये ही सच्चर कमिटी के चीफ है जिन्होंने एक तरह से ये पूरा देश मुसलमानों को देने की सिपारिश की है . अब पता चला क्यों की है ]
६ - पत्रकार गौतम नवलखा,
७- इंडिया टुडे के ब्योरो चीफ हरिंदर बवेजा,
८- मनोज जोशी,
९- हामिदा नईम,
१०- वेद भसीन,
११- जेडी मोहम्मद
१२- अरुंधती रॉय
१३- यासीन मालिक
१४- कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह
अगर अमेरिका गुलाम मोहम्मद को गिरफ्तार कर सकता है तो क्या इन लोगो को भारत सरकार गिरफ्तार करेगी ??वन्दे-मातरम्...
जय हिंद...जय भारत....
अमेरिका ने उनके पूछताछ के बाद उनके भारतीय दलालो के नाम भारत सरकार को बताया है . अब गुलाम मोहम्मद के भारतीय दलालो के नाम सुनकर भारत सरकार के हाथ पांव फुल गए है .. ना तो भारत सरकार में इतनी हिम्मत है की इस देशद्रोहियो को गिरफ्तार करे और ना ही इतनी हिम्मत है की अब वो इन दलालो पर रोक लगाये .
कांग्रेस सरकार बाबा रामदेव के आन्दोलन को तो बर्बरता और निर्दयिता पूर्वक रात के दो बजे औरतो , बच्चों और बुजुगो के उपर लाठी और गोले बरसाकर उनको कुचल सकती है . क्योंकि वे लोग कालेधन के लिए आन्दोलन कर रहे थे . जबकि पूरा देश जनता है की कांग्रेस के नेता और सोनिया गाँधी काले धन मामले पर क्यों इतना निर्दय हों जाते है..??
तो क्या जो हिम्मत कांग्रेस ने रामलीला मैदान में दिखाई थी वही हिम्मत वो इन दलालो को गिरफ्तार करने में दिखाएगी??
अब जरा आप उन तथाकथित बुद्दिजीवियों और सफेदपोशो के नाम जान लीजिए जो आई एस आई से पैसे लेकर भारत में कश्मीर पर सेमिनार में भाषण देते थे . और ये पैसे के आगे इतने अंधे थे की इनको देश से गद्दारी करने में भी जरा भी संकोच नहीं होता था .
१- लेखक और संपादक कुलदीप नैयर
२- अग्निवेश
३- दिलीप पडगांवकर
४- मीरवाइज उमर फारूक
५- राजेंद्र सच्चर [ये ही सच्चर कमिटी के चीफ है जिन्होंने एक तरह से ये पूरा देश मुसलमानों को देने की सिपारिश की है . अब पता चला क्यों की है ]
६ - पत्रकार गौतम नवलखा,
७- इंडिया टुडे के ब्योरो चीफ हरिंदर बवेजा,
८- मनोज जोशी,
९- हामिदा नईम,
१०- वेद भसीन,
११- जेडी मोहम्मद
१२- अरुंधती रॉय
१३- यासीन मालिक
१४- कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह
अगर अमेरिका गुलाम मोहम्मद को गिरफ्तार कर सकता है तो क्या इन लोगो को भारत सरकार गिरफ्तार करेगी ??वन्दे-मातरम्...
जय हिंद...जय भारत....
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